Thursday, April 30, 2020

कक्षा -१० बड़े भाई साहब -३

आशा  है आप स्वस्थ व सुरक्षित होंगे।
आपको पाठ समझ आ रहा  होगा।
अभी तक हमने पढ़ा था बड़े भाई साहब अध्ययनशील थे।
वे उपदेश की कला में निपुण थे
आज हम जानेंगे कि उनकी सहज बुद्धि बहुत तेज थी।
पाठ का लिंक
http://ncertbooks.prashanthellina.com/class_10.Hindi.Sparsh/index.html

आज हम पृष्ठ ( ५६ ,५७ )
"सालाना--------------  पढ़ गए हो ?"
सालाना -वार्षिक ,अव्वल -प्रथम ,अभिमान -घमंड ,आत्मसम्मान -अपनी इज्ज़त ,शरीक -शामिल ,ज़ाहिर -पता चलना ,आतंक -भय ,लज्जास्पद -शर्मनाक
वार्षिक परीक्षा का परिणाम आया। बड़े भाई साहब फेल होगये और छोटा भाई कक्षा में प्रथम आया। दोनों के बीच अब केवल दो कक्षाओं का अन्तर था।
छोटे भाई का मन कर रहा था कि आप दिन -रात पढ़ते रहते थे फिर भी फेल हो गये। मैं तो दिन भर खेलता रहता था फिर भी कक्षा में प्रथम  आया। छोटा भाई ऐसा कह कर बड़े भाई साहब को चोट नहीं पहुँचाना चाहता था। उन्हें बड़े भाई से हमदर्दी थी।
छोटे भाई को बड़े भाई का  आतंक न रहा। छोटे भाई को अपने ऊपर अभिमान होने लगा। छोटा भाई स्वछंद भाव से खेल में शामिल होता। वह मन ही मन सोचता यदि भाई साहब ने उसको  डाँटा तो वह उन्हें पलट कर जवाब देगा कि दिन -रात मेहनत कर आप तो फेल हो  गए मैं तो खेल कर भी प्रथम आ गया।
इस तरह के शब्द बोलना तो छोड़ो बोलने का विचार भी शर्मनाक लगा।
बड़े भाई साहब की सहज बुद्धि बहुत तीव्र थी। मेरे रंग -ढंग से पूरी बात समझ गए
एक दिन जब छोटा भाई गुल्ली -डंडा खेल कर घर वापस आया तो बड़े भाई साहब ने उससे कहा कि कक्षा में अच्छे अंक आने के कारण छोटे भाई को अभिमान हो गया है। इतिहास में तुमने रावण के बारे में पढ़ा है। जिसका  अहंकार ही विनाश का कारण बना। 

"महज -----------दोनों से गया। "
महज -केवल ,अभिप्राय -अर्थ ,अधिपत्य -साम्राज्य (अधिकार ) महीप -राजा ,कुकर्म -बुरा काम
तुम केवल पास होने के लिए मत पढ़ो। तुम  जो पढ़ते हो उसे जीवन में उतारो। पढ़ाई बुद्धि के विकास के लिए की जाती है। रावण बहुत विद्वान ,शक्तिशाली था और सभी उसका आदर करते थे लेकिन उसका अहंकार उसके विनाश का कारण बना।

"शैतान-------------- खाली न जाये।"
शैतान और शाहेरूम (राजा का नाम )के बारे में तुम जानते हो जो अपने अहंकार के कारण बरबाद हुए। तुम्हारी सफलता मेहनत के कारण नहीं  किस्मत के कारण मिली हैं। खेल में कभी - कभी किस्मत के कारण सफलता मिलती है पर असली खिलाड़ी वह है जिसका कोई निशाना खाली न जाये।
"मेरे फेल----------- बता देता। "
बड़े भाई साहब नें यह भी समझाया कि जैसे -जैसे कक्षा बड़ी होतीं हैं पढ़ाई भी कठिन हो जाती है। उनकी असफलता का कारण रटंत विद्या  है। (रटंत विद्या क्या है कल पढ़ेगे )

कक्षा कार्य 
निम्नलिखित मुहावरे और अर्थ हिंदी साहित्य में लिखिए (परीक्षा के लिए उपयोगी )

मुहावरे ----------------अर्थ 
आड़े हाथों लेना ----खरी -खोटी सुनना
घाव पर नमक छिड़कना ----दुखी को और दुखी करना
हेकड़ी जताना ---- घमंड करना
तलवार खींचना ----डॉट -डपट करना
दिमाग हो जाना ------झूठा अभिमान होना
दिल  मजबूत होना ---पक्का इरादा
नाम -निशान मिटा देना ---किसी को पूर्णतः नष्ट कर देना
अंधे के हाथ बटेर लगना ---भाग्य से कुछ पाना
दीन दुनिया से जाना ---किसी काम का न रहना
अँधा चोट निशाना पड़ना ---कोई वस्तु अचानक प्राप्त होना
चुल्लूभर पानी देने वाला न होना ---संकट के समय मददगार न होना
दाँतों पसीना आना ---हालत खराब होना
लोहे के चने चबाना ---बहुत कठिन काम करना
आँधी रोग होना ---भ्रम होना
गृह कार्य 
एक दिन गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुंचे तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(इस प्रश्न का उत्तर इसी ब्लॉग में रेखांकित है। )


Wednesday, April 29, 2020

कक्षा -१० बड़े भाई साहब -२

सुप्रभात !
कल हमने प्रेमचंद द्वारा रचित पाठ बड़े भाई साहब पाठ किया। जिसमें हमने पढ़ा बड़े भाई साहब स्वभाव से अध्ययनशील थे। छोटे भाई को सही रास्ता दिखाना उनका कर्त्तव्य था।
नीचे दिए लिंक की सहायता से पाठ पढ़े।
http://ncertbooks.prashanthellina.com/class_10.Hindi.Sparsh/index.html

पृष्ठ -५६
मेरा जी-------------------------- मेरा सत्कार करें।
रूद्र -रूप -क्रोध भरा रूप (चेहरा ),मौन -खामोश ,अपराध -गलती
छोटे भाई का पढ़ने में मन नहीं लगता था। उन्हें खेलना अच्छा लगता था। वे मौका पाते ही मैदान में आजाते। वे कभी कंकरियाँ उछालते ,कागज़ की तितलियाँ उड़ाते। चारदीवारी पर चढ़ कर नीचे कूदना और फाटक (गेट ) पर चढ़ मोटरगाड़ी का मज़ा लेतेवे जब कमरे में लौटते तो बड़े भाई साहब का पहला प्रश्न होता -"कहाँ थे ?"
छोटा भाई शालीन था। वह बड़े भाई साचले हब को पलट कर जवाब नहीं देता। छोटे भाई की खामोशी का अर्थ था कि उन्हें अपनी गलती स्वीकार है। बड़े भाई साहब प्यार और क्रोध से भरे शब्दों से उन्हें देर तक समझाते रहते।

"इस तरह----------------------- बरबाद करते हो ?"
हर्फ़ -शब्द ,घोंघा -(snail )धीरे काम करना ,समय गँवाना -समय व्यर्थ करना
बड़े भाई साहब छोटे भाई को समझाते हैं कि तुम  पढ़ाई के प्रति बड़े लापरवाह हो। इन हालात में तुम्हारे लिए अंग्रेजी सीख पाना असम्भव है। अंग्रेजी सिखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। तुम्हें मुझसे यह सीखना चाहिए कि इतने खेल तमाशे मेले होते हैं पर मैं कभी बाहर नहीं निकलता हूँ। इतनी मेहनत के बाद भी एक कक्षा में दो -तीन वर्ष लग जाते हैं। तुम अपना तरीका नहीं बदलोगे तो कभी सफल नहीं हो पाओगे। यदि खेल में ही समय बरबाद करना है तो गाँव वापस चले जाओ। यहाँ रहकर पिताजी के पैसे और समय मत बरबाद करो।

पृष्ठ ५६-५७
"मैं यह लताड़-------------------- फिर विश्राम।"
लताड़ -डांट ,उपदेश -ज्ञान ,निपुण -कुशल ,सूक्ति बाण -ताने ,विविध -विभिन्न
बड़े भाई साहब उपदेश  कला में निपुण थे। उनकी बातें सुन छोटे भाई को लगता कि पढ़ना उनके बस की बात नहीं है। उनकी आँखों से आँसू बहने लगते। वे निराशा में डूब जाते। छोटे भाई  को अनपढ़ रहना मंज़ूर था पर इतनी मेहनत के नाम पर उन्हें चक्कर आने लगते। शीघ्र छोटा भाई आँसू पोंछ, निराशा छोड़ समय तालिका बनाता। 
इस समय तालिका में विभिन्न विषयों के लिए जगह थी पर खेलने के लिए नहीं।

"मगर टाइम------------ टेबिल सकता था। "
अवहेलना -टालना ,अमल -मानना ,अनिवार्य -जरूरी ,नसीहत -सलाह ,फजीहत -बेइज्जत ,तिरस्कार -उपेक्षा
समय तालिका बनाना और उसका पालन करना दोनों अलग बातें होती हैं।  पहले दिन से उसकी अवहेलना शुरू होजाती। खेल का मैदान ,उसकी हरियाली पढ़ाई भुला देती। फुटबॉल की उछल -कूद ,कबड्डी के दाँव -घात ,बॉलीबॉल की तेजी फुरती अपनी ओर आकर्षित करती। छोटा भाई बड़े भाई साहब का डर डांट ,सलाह ताने  सब भूल जाता और खेलने लगता। 

कक्षा कार्य 
पृष्ठ ५५ ,५६ ,५७ में आये मुहावरे ( परीक्षा की दृष्टि से मुहावरे महत्वपूर्ण है इन्हे साहित्य में लिखिए )

छोटा मुँह बड़ी बात -अनुभवहीन द्वारा ज्ञान देना
प्राण सूख जाना -डर जाना
ऐरा -गेरा नथू खैरा -आम व्यक्ति
आँखे फोड़ना -बहुत अधिक पढ़ना
खून जलाना -बहुत परिश्रम करना
जिगर के टुकड़े- टुकड़े होना -निराश होना
 बूते के बाहर- सामर्थय से बाहर
हिम्मत टूट जाना - निराश होना
दबे पाँव -चुपचाप
प्राण निकलना -डर जाना
सर  पर नंगी तलवार लटकना -बहुत खतरा होना

गृह कार्य 
अनुच्छेद  में उत्तर रेखांकित हैं।
क) कथा नायक की रूचि किन कार्यों में थी ?
ख )बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या  पूछते थे ?
ग ) छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबल बनाते समय क्या क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया ?
धन्यवाद

Tuesday, April 28, 2020

कक्षा १०-बड़े भाई साहब

सुप्रभात
आशा है आप स्वस्थ्य और सुरक्षित होंगे।

नीचे दिए लिंक की सहयता से पाठ पढियेगा।
http://ncertbooks.prashanthellina.com/class_10.Hindi.Sparsh/index.html

आज हम हिंदी के महान लेखक प्रेमचंद की रचना बड़े भाई साहब पड़ेंगे।
लेखक परिचय 
प्रेमचंद का जीवन काल १८८० से १९३६ तक का रहा।
उनका जन्म ३१ जुलाई १८८० में बनारस के निकट लमही गांव में हुआ था।
माता पिता ने उनका नाम धनपतराय रखा। उर्दू भाषा में वे नबाबराय के नाम से लेखन कार्य करते थे।
हिन्दी भाषा के साहित्य जगत में प्रेमचंद नाम से प्रसिद्ध थे।
उन्हें कलम के सिपाही,कहानी सम्राट ,उपन्यास सम्राट  के नाम से भी जाना जाता है।
उर्दू में प्रकाशित पहला कहानी संग्रह "सोज़ेवतन " अंग्रेजों ने ज़ब्त कर लिया था।

जीविका कमाने के लिए उन्होंने अध्यापक ,इंस्पेक्टर ,मैनेजर के रूप में कार्य किया। उन्होंने हंस ,माधुरी पत्रिका का सम्पादन किया।

उनकी प्रमुख कृतियाँ -मानसरोवर (कहानी संग्रह )के ८ भाग ,उपन्यास -गोदान ,ग़बन, निर्मला ,कर्मभूमि रंगभूमी, सेवासदन ,प्रेमाश्रम ,प्रतिज्ञा ,कायाकल्प ,मंगलसूत्र (अधूरा ) हैं।

उन्होंने हिन्दी साहित्य की लेखन परिपाटी (तरीका ) को बदल दिया था उन्होंने आम आदमी के दुःख का चित्रण किया। आम आदमी को कहानी का मुख्य पात्र बना दिया।उन्होंने आदर्श गाँव का नमूना उपन्यास में  प्रस्तुत किया।
उनका साहित्य गाँधी जी के विचारों से प्रभावित था ।
कक्षा कार्य 
लेखक का परिचय हिंदी साहित्य में लिखिए।

पाठ के बारे में 
बड़े भाई साहब पाठ शिक्षा प्रणाली पर करारा व्यंग्य है। उन्होंने रटंत विद्या पर हमारा ध्यान आकर्षित किया है। इस पाठ में बड़े भाई की भावनाओं का चित्रण किया है। बड़ा भाई छोटे भाई के सामने एक आदर्श व्यक्ति बनने के लिए अपनी बाल सुलभ इच्छाओं को भी त्याग देता है।

पृष्ठ ५५  
बड़े भाई साहब------------पायेदार बने।
दरजे -कक्षा , तालीम -शिक्षा , बुनियाद -नींव , आलिशान -बड़ा और सुन्दर , पायेदार -मज़बूत
बड़े भाई साहब और लेखक के बीच में ५ साल का अंतर था। लेखक बड़े भाई साहब की असफलता का मज़ाक उड़ाते हुए  कहते हैं  कि उन्हें किसी कक्षा में जाने की कोई जल्दी नहीं होती थी वे एक कक्षा में दो- दो साल बिताया करते थे। बड़े भाई साहब को  लगता था कि  मकान की मज़बूती के लिए नीव का मज़बूत होना ज़रूरी होता है उसी तरह से अच्छी शिक्षा के लिए एक कक्षा में दो साल बिताकर अपना आधार तैयार करना ज़रूरी है।

मैं  छोटा -----------  कानून  समझू।
तम्बीह -डाटना , निगरानी -देखभाल , जन्मसिद्ध - जन्म से , शालीनता -सभ्यता , हुक्म -आदेश ,

लेखक ९ साल का था और बड़े भाई साहब चौदह साल के थे।  उन्हें छोटे  भाई की देखभाल और डाँटने का पूरा अधिकार था लेखक की समझदारी इसी में थी कि वह बड़े भाई की आज्ञा को कानून समझे  और माने।

वह स्वभाव से ---------छोटा मुँह बड़ी बात थी।
स्वभाव -आदत , अध्ययनशील -पड़ने वाला , हाँशिया -किनारा ,सामंजस्य -तालमेल , मसलन -उदाहरण ,
इबारत -लिखाई , चेष्टा -कोशिश

बड़े भाई साहब नौवीं कक्षा में थे और लेखक पांचवी कक्षा में था। बड़े भाई साहब स्वाभाव से अध्ययनशील  थे। वे हर समय पड़ते रहते थे। कभी कभी दिमाग को आराम देने के लिए कॉपी या किताबों के किनारों पर चिड़िया , बिल्ली , कुत्तों की तस्वीर बनाते। कोई शेर लिखते। कुछ  शब्द बार बार लिखते जिनका आपस में कोई ताल मेल नही  होता था। उनकी बाते समझना लेखक के लिए छोटा होने के कारन कठिन था।

गृह कार्य 
बड़े भाई साहब छोटे  भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन सी कक्षा में पड़ते थे ?
बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे ? ( अनुच्छेद  में दी रेखांकित पंक्तियाँ उत्तर के लिए प्रयोग करें )

स्वाथ्य रहो सुरक्षित रहो







Monday, April 27, 2020

कक्षा कार्य -१० प्रश्न पत्र -१ (मीरा +विज्ञापन )

सुप्रभात आशा है आप स्वस्थ होंगे

तो शनिवार रविवार के बाद आगयी ठण्डी हवा के झोंके के साथ सोमवार की सुबह।
आज आपकी परीक्षा है (ओपन बुक परीक्षा ) ताकि आपको हिन्दी लिखने का अभ्यास रहे।

प्रश्न पत्र
निर्देश - पृष्ठ के दाईं तरफ रेखा खींचे।
काम क्रम अनुसार करें।

साहित्य
क ) मीरा बाई हरि  से अपनी पीड़ा हरने के लिए किस प्रकार विनती की है ? (२ )
ख ) मीरा बाई श्री कृष्ण के रूप का वर्णन किस प्रकार किया है ?                 (२ )
ग ) मीरा बाई श्री कृष्ण की सेविका क्यों बनना चाहतीहैं  ? (२ )

व्याकरण

चमको साबुन कम्पनी ने कपड़े धोने का नया साबुन निकाला है ,उसके प्रचार के लिए विज्ञापन बनायें। (४ )

गृह कार्य
कबीर का प्रथम दोहा याद करें

अभिभवक हमारे लाड़ले का ध्यान रखने केलिए धन्यवाद

आज का गीत माता -पिता के लिए है(यह गीत घर के किसी सदस्य के साथ सुनें आँख बन्द और हाथ थाम कर ) , आज को महसूस करो कल (दो साल बाद) आप माता -पिता से दूर पढ़ाई करने के लिए दूसरे शहर ,घर से दूर हॉस्टेल में होंगे तब ये आवाज़ आयेगी ,इसलिए आज के साथ को समझो और महत्त्व दो ये माँ -पापा का टोकना ,बार -बार कुछ कहना आपकी आने वाली सफलता की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा है
https://youtu.be/90hNT7UYlZA

किसी भी तरह की असुविधा होने पर सम्पर्क करें
परीक्षा पत्र में माता -पिता के हस्ताक्षर करवा कर फाइल में लगाए 

Friday, April 24, 2020

कक्षा -१० रचना के अनुसार वाक्य के भेद -४

वाक्य रूपांतरण
कल हमने सरल और सयुंक्त वाक्यों को मिश्र वाक्य में बदला था। कल के गृह कार्य का उत्तर नीचे दिया गया है।
क-जब बेटे ने केक बनाया तब माँ ने स्वाद से खाया।
ख -जब रात्रि का समय होता है तब चाँद और तारे प्रकाश फैलते हैं।
ग- जब नरेंद्र को सफलता मिली तब उसे प्रशंसा के साथ ईनाम भी मिला।
घ - जैसे ही वह उठा उसे लोगों ने बैठा दिया।
ड़ - जब लॉकडाउन था तब मैं घर से बाहर न जा सका।
विशेष 
राम और सीता वन को गए।
रात्रि  में चाँद और तारे प्रकाश फैलाते हैं।
ये दोनों सरल वाक्य हैं क्योंकि यहाँ और शब्द वाक्यों को नहीं शब्दों को जोड़ रहा है।
कल "रात में -------हैं "संयुक्त वाक्य के रूप में दिया था जो गलती थी इसका संयुक्त वाक्य होगा
रात्रि  होती है और चाँद -तारे प्रकाश फैलाते हैं।

कक्षा कार्य 
प्रश्न : निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर वाक्य  भेद लिखिए। 
  1. परिश्रम करने वालेों की पराजय नहीं होती। 
  2. मुझे आज वह उपहार मिला , जिसे आपने भेजा था। 
  3. वह फल खरीदने  के लिए बाजार गया। 
  4. हम लोग आगरा घूमने गए और वहां चार दिन रहे। 
  5. जहाँ तक दृष्टि जाती है , वहाँ  अँधेरा ही अँधेरा है। 
प्रश्न : निम्नलिखित वाक्यों को निर्देश अनुसार बदलिए। 
  1. घोड़े की सवारी करने वाला मैदान में गिर गया। (मिश्र वाक्य )
  2. मैंने एक बहुत अच्छा शब्द कोष देखा।(मिश्र वाक्य)
  3. मित्र मेरे घर आकर सिनेमा जाने का अनुरोध करने लगा।  (संयुक्त वाक्य )
  4. सुबह हुई और पिताजी घर आ गए। (सरल वाक्य)
  5. जादूगर के जादू दिखाते  ही लड़की ग़ायब हो गयी। (मिश्र वाक्य )

गृह  कार्य 
व्याकरण दर्शिका -पृष्ठ -२११ ,२१२ और २१३ व्याकरण कॉपी में लिखिए ।

स्वस्थ्य रहें , सुरक्षित रहें , स्वअनुशासन का पालन करें।

Thursday, April 23, 2020

कक्षा -१० रचना के अनुसार वाक्य के भेद

सुप्रभात 😊
आशा है स्वस्थ व सुरक्षित होंगे।
कल हमने सरल व संयुक्त वाक्य किये आज हम मिश्र वाक्य करेंगे।

मिश्र वाक्य की पहचान 

इनमें कि ,जो ,क्योंकि ,जितना ,उतना ,जैसा ,वैसा ,जब ,तब, जहाँ ,वहाँ ,जिधर ,उधर ,अगर /यदि ,
 यद्यपि ,तथापि शब्दों का प्रयोग होता है
उदाहरण 
राम बाजार जाकर फल लाया।(सरल  वाक्य )
राम बाजार गया और राम बाज़ार से फल लाया।(संयुक्त वाक्य )
जब राम बाज़ार गया तब वह फल लाया।(मिश्र वाक्य )

भक्तिकाल के कवि कबीर ने साखियों की रचना की।  (सरल वाक्य )
कबीर भक्तिकाल के कवि थे और कबीर ने साखियों की रचना की।  (सयुंक्त वाक्य )
कबीर ने साखियों की रचना की जो भक्तिकाल के कवि थे।  (मिश्र वाक्य )

मैने परिश्रम कर सफलता प्राप्त की।  (सरल वाक्य )
मैंने परिश्रम किया और सफलता प्राप्त की।  (संयुक्त वाक्य )
जब मैंने परिश्रम किया तब मुझे सफलता मिली। (मिश्र वाक्य )

अभ्यास -१ 
निम्नलिखित सरल वाक्यों से मिश्र वाक्य बनाएं

क)बारिश होते ही मोर नाचने लगे।
ख )किसान सुबह होते ही खेत की ओर चला गया।
ग ) लॉकडाऊन खुलते ही बाज़ार में चहल -पहल होगयी।
घ )मैंने काम पूरा कर  चॉकलेट खाई।
ड़ )पिताजी ने चाय का प्याला बनाकर माँ को दिया।

अभ्यास -२ 
निम्नलिखित संयुक्त वाक्यों से मिश्र वाक्य बनाये

क )बेटे ने केक बनाया और माँ ने स्वाद लेकर उसे खाया।
ख ) रात्रि में चाँद एवं तारे प्रकाश फैलाते हैं।
ग ) नरेंद्र की सफलता पर उसे प्रशंसा ही नहीं बल्कि ईनाम  भी मिला।
घ ) वह उठा लेकिन लोगों ने उसे बिठा दिया।
ड़ ) मैं लॉकडाऊन में था इसलिए खेलने ना जा सका।

निर्देश :
सभी कार्य हिंदी व्याकरण में करें।
किसी भी तरह की असुविधा होने पर संपर्क करें।
गाने का आनंद लें।
https://youtu.be/T94PHkuydcw

Wednesday, April 22, 2020

कक्षा -१०रचना के अनुसार वाक्य के भेद

रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण -२ 

नमस्कार !
पिछली कक्षा में हमने वाक्य की परिभाषा तथा उसके अंग को जाना।  आज हम रचना के आधार पर वाक्य के दूसरे  और तीसरे  भेद से परिचित होंगे। 

नीचे दिए गए कार्य को व्याकरण कॉपी में करिये :

संयुक्त वाक्य 

यदि वाक्य में दो या दो से अधिक खंड-वाक्य (phrases) स्वतंत्र रूप से योजक (समुच्चयबोधक) दवारा जुड़े हुए हों तो उस वाक्य को संयुक्त वाक्य कहा जाता है।  ऐसे वाक्य एक-दुसरे पर आश्रित (dependent) नहीं होते। 

यह वाक्य विभिन्न  योजक (और, एवं , लेकिन , किन्तु, परन्तु , इसलिए , या , अथवा , अतः , अन्यथा , आदि ) शब्दों की सहायता से जुड़े रहते हैं।  

जैसे सूरज निकल आया और तुम अभी तक नहीं उठे। 


दिन भर बारिश होती रही इसलिए वह नहीं आया। 


ऊपर के दोनों वाक्यों में रेखांकित  योजक वाक्य को जोड़ने के लिए हैं। 

संयुक्त वाक्य के सम्बन्ध में निम्नलिखित बातें ध्यान देने योग्य हैं :-

  • इसमें कम-से-कम दो प्रधान उपवाक्य होते हैं। 
  • इसमें आये प्रधान उपवाक्यों  का स्वतंत्र प्रयोग  हो सकता है। 
  • ये आश्रित न होकर एक दुसरे के पूरक होते हैं, पर होते हैं परस्पर संबंधित । 
  • योजक शब्द समानाधिकरण समुच्यबोधक अव्यय होते हैं। 
  • 'संयुक्त वाक्य ' में कभी-कभी अव्यय शब्दों का लोप भी कर दिया जाता है। 
  • उदाहरण : क्या सोचा था, क्या हो गया (अव्यय का लोप )
  • कक्षा कार्य 😊
  • अभ्यास -१ 
  • निम्नलिखित वाक्यों को संयुक्त वाक्य में बदलिए :
  • क )राम बाजार गया। राम फल लाया। 
  • उत्तर राम बाजार गया और राम फल लाया। 
  • ख )बादल घिर आये। वर्षा होने लगे। 
  • ग }कबीर भक्तिकाल के कवि थे। कबीर ने सखियों की रचना की। 
  • घ )हम घर में बैठे हैं। हम पढ़ाई कर रहें हैं। 
  • ड़  )सूर्योदय हुआ। चिड़िया चहचहाने लगीं। 
  • गृह कार्य 😊
  • अभ्यास -२ 
  • निम्नलिखित वाक्यों को सयुंक्त को सरल वाक्य में बदलिए :
  • क ) राम बाजार गया और राम बाज़ार से फल लाया। 
  • उत्तर राम बाज़ार जाकर फल लाया। 
  • ख )बादल घिर आये और वर्षा होने लगी। 
  • ग )कबीर भक्तिकाल के कवि थे और उन्होंने सखियों की रचना की। 
  • घ )हम घर में बैठे हैं और हम पढ़ाई कर रहे हैं। 
  • ड़ )सूर्योदय हुआ और चिड़ियाँ चहचाहने लगीं। 
  • 😍आपका दिन मंगलमय हो 
  • यह समय है स्वअनुशासन का है अतः समय को व्यर्थ ने बिताए ,उसे सोच समझ कर धन की तरह खर्च करें 
  • व्यस्त रहें ,स्वस्थ रहें ,मस्त रहें 

Monday, April 20, 2020

कक्षा -१० व्याकरण

कक्षा १० 

रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण - १ 

नमस्कार! 

आज हम व्याकरण का नया टॉपिक "वाक्य" पढेंगे, जो आपके लिए नया है।  इसको अपनी कॉपी में लिखिए व ध्यान से समझिये। 

वाक्य 

ऐसा सार्थक शब्द- समूह , जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय  प्रकट कर सके , वाक्य कहलाता है।  
जैसे तुलसीदास जी ने   "रामचरित मानस " ग्रन्थ लिखा। 
 "वाक्य" में निम्नलिखित बातें होती है :-
  • वाक्य की रचना शब्दों (पदों) के योग से होती है। 
  • वाक्य अपने में पूर्ण तथा स्वतंत्र होता है। 
  • वाक्य किसी न किसी भाव व विचार को पूर्णतः प्रकट कर पाने में सक्षम होता है। 

उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति कहता है "पक्षी उड़ ", तो  यह वाक्य नहीं कहा जा सकता , क्योंकि यहाँ पर ऐसे विचार का ज्ञान नहीं होता  जिसे वक्ता बताना चाहता हो। जबकि - "आकाश में पक्षी उड़ रहा है। " एक पूर्ण वाक्य है। 

वाक्य के भेद 

वाक्य के दो भेद होते हैं :
  1. उददेश्य 
  2. विधेय 

उददेश्य (कर्ता का विस्तार )

जिसके बारे में कहा जाये।  सामान्यता वाक्य का कर्ता ही उसका उददेश्य होता है।  
उदाहरण : राम पुस्तक पढ़ रहा है। 


यहाँ राम "उददेश्य" है। 


विधेय (क्रिया का विस्तार)

उददेश्य या कर्ता के बारे में कुछ कहा जाये। सामान्यता क्रिया विधेय होती है। 

उदाहरण: राम पुस्तक पढ़ रहा है।  यहाँ "पुस्तक पढ़ रहा है " विधेय है। 

रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं :

     १. सरल वाक्य                                             २. संयुक्त वाक्य ३. मिश्र वाक्य   

सरल वाक्य (simple sentence)



नीरज क्रिकेट खेल रहा है।  







मोहन खाना खा रहा है। 

ऊपर लिखे वाक्यों में 'नीरज' तथा 'मोहन' उददेश्य हैं तथा "क्रिकेट खेल रहा है ", " खाना खा रहा है " विधेय हैं। इन वाक्यों में एक कर्ता  है तथा उनकी क्रिया भी एक-एक ही है , अतः यह सरल वाक्य हैं। 

जिस वाक्य में उददेश्य (subject) तथा एक विधेय (predicate) हो अथार्त एक कर्ता और उसकी एक ही क्रिया (verb) हो, तो उसे सरल वाक्य कहते हैं। 

 ध्यान रहे कि सरल वाक्य छोटे से छोटा व बड़े से बड़ा भी हो सकता है , जैसे:-
  1. राहुल पढता है। 
  2. सुबोध का भाई राहुल धीरे -धीरे पढता है। 
  3. सुबोध का भाई राहुल कहानी की पुस्तक धीरे-धीरे पढता है। 

गृह कार्य 

  1. रचना के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं ?
  2. अपनी कॉपी में पांच सरल वाक्य लिखिए। 
  3. निम्नलिखित वाक्यों में उददेश्य तथा विधेय छाँटिए :
    1. बच्चे छत पर पतंग उड़ा रहे हैं। 
    2. दीपक कंप्यूटर सीख रहा है। 
    3. पवन फुटबॉल खेलता है। 
किसी भी तरह की असुविधा होने पर संपर्क करें। 

अपना ध्यान रखिये !

कक्षा -१० रचनात्मक कार्य

सुप्रभात
आशा है आप स्वस्थ होंगे।

आज हम अनुच्छेद करेंगे ,प्रश्नपत्र के घ भाग में अनुच्छेद का प्रश्न आता है।
यह  ६  अंक का प्रश्न है
अंक विभाजन विषय  वस्तु -२
भाषा -२
अनुच्छेद का प्रारम्भ व अन्त -२
 अनुच्छेद के लिए ध्यान देने योग्य बातें 😊😊
भाषा प्रवाहमयी  ,सरल हो पर विशेषण शब्दों का प्रयोग करें
विचार स्पष्ट और क्रमबद्ध हो
अपने अनुच्छेद को प्रभावशाली बनाने के लिए कविता की पंक्तियों का प्रयोग करें
अनुच्छेद का प्रारूप 
विषय का नाम 
विषय का परिचय
संकेत बिंदु पर आधारित विषय वस्तु 
समापन  विषय वस्तु का निष्कर्ष (आप क्या कहना चाहते हैं )
अनुच्छेद लिखने से पूर्व दाईं तरफ रफ कॉलम बनायें जिसमें जो 
अनुच्छेद में लिखना चाहते हैं पॉइंट रूप में लिखें 
इससे काटा पीटी से बच जायेंगे 
अनुच्छेद ज्ञान के अप्लीकेशन पर आधारित प्रश्न है अतः अपने ज्ञान
को सही ढंग से प्रस्तुत करना आना चाहिए 
वे पाठ जो अनुच्छेद लेखन में  सहायक हैं 
कबीर की साखियाँ (कोटेशन के रूप में )
पर्वत प्रदेश में पावस (वर्षा ऋतु ,पर्वतीय प्रदेश की यात्रा में )
अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुखी होने वाले (पर्यावरण से जुड़े अनुच्छेद में )
अनुच्छेद के विषय जो आपको अवश्य तैयार करने चाहिए 
मेरे जीवन का लक्षय , त्योहरों का देश भारत ,छात्र और अनुशासन ,पर्यावरण ,मोबइल  का प्रयोग ,
मीठी वाणी ,काल करे सो आज कर ,विज्ञान वरदान या अभिशाप ,खेल का महत्व। 
किसी भी विषय पर अधिक जनकारी चाहिए तो सम्पर्क करें, कल उस पर चर्चा करेंगे
कक्षा कार्य
अपनी व्याकरण पुस्तक की सहायता से "मन के हारे हार है मन के जीते जीत "विषय पर ८० से १०० शब्दों का अनुच्छेद लिखिए।
गृह कार्य
विज्ञान वरदान या अभिशाप
संकेत बिंदु १)विज्ञान के लाभ २ )विज्ञान से नुकसान (आलसी ,मशीनों पर निर्भरता ,प्रकृति को नुकसान ,प्रदूषण )
३ )कारण ४ ) निवारण
अनुच्छेद  में यह पंक्तियाँ अवश्य लिखिए
विज्ञान वह विशेष ज्ञान है जो तर्क की कसौटी में खरा उतरता है।
विज्ञान की सहायता से आज हम विष्णु के वामन अवतार की तरह तीन कदमों  में ब्रह्मांड को नाप सकते हैं
विज्ञान भस्मासुर को मिले  वरदान की तरह है जिसका यदि सही प्रयोग नहीं किया तो अपना नुकसान स्वयं करेंगे

निर्देशऊपर  इस रंग में  कुछ विषय दिए हैं , जिस विषय पर चर्चा चाहते हैं वह आज पॉँच बजे तक मुझे भेज 
दें। 
https://youtu.be/PN-RMTiiEgI
काम करते हुए गाने का आनंद लीजिये।
धन्यवाद स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें

Saturday, April 18, 2020

कक्षा कार्य -१०

सूचना
सुप्रभात !
 स्वागत है आपका
एक मीठी अँगड़ाई  के बाद पढ़ना प्रारम्भ करते हैं
आज हम सूचना करेंगे
सूचना जनसाधारण को बताने  के लिए दीगयी लिखित जानकारी है 
प्रश्न पत्र के भाग -घ में सूचना के -५ अंक हैं
अंक विभाजन
प्रारूप -२ (बॉक्स ,संस्था का नाम ,दिनांक ,सूचना लिखने वाले का पद व नाम )
विषय -वस्तु -२
भाषा -१

ध्यान देने योग्य बात 😏
बॉक्स के बीचों बीच सूचना शब्द लिखिए
सूचना का विषय लिखिए
संस्था का नाम लिखिए
विभाग का नाम लिखिये
विषय वस्तु लिखिए
दाई ं तरफ दिनांक लिखिए
विषय वस्तु 
यह स्पष्ट हो  
सरल  शब्दों का प्रयोग करें 
मुहावरों का प्रयोग न करें
 विषय की जानकारी पॉइंट बनाकर दीजिये 
सूचना  के अंत में बाईं ओर सूचना देने वाले का नाम ,पद ,सम्पर्क स्थान व दूरभाष अवश्य लिखिये

कक्षा  कार्य 😊
उपरोक्त  सारी जानकारी व्याकरण में लिखिए
वट्स अप में भेजी गई सूचना हिन्दी व्याकरण में लिखिए

गृह कार्य
बी.सी.सी.आई. के निदेशक की ओर से भारत -श्री लंका के बीच होने वाली एक दिवसीय क्रिकेट श्रंखला जो अगस्त में होनी थी उसे करोना के कारण  स्थगित कर दिया गया है ,उसकी जानकारी देने के लिए सूचना बनायें । 

कल मिलते हैं। 
पौष्टिक  भोजन करें सब को खुश रखें 😀







Friday, April 17, 2020

कक्षा -१० विज्ञापन

विज्ञापन 
सुप्रभात। 
आशा है आप स्वस्थ्य व सुरक्षित होंगे। 

आज हम विज्ञापन रचना करेंगे। 
आज की दुनिया विज्ञापनों की ही दुनिया है। किसी भी उत्त्पाद या विचारधारा की सफलता इस बात पर होती है कि विज्ञापन कितना मन को छूने वाला है। 
परीक्षा में विज्ञापन ५ अंक का आता है। 
कक्षा ९ में भी आप विज्ञापन रचना कर चुके हैं। 

कुछ ध्यान देने योग्य बातें :
विज्ञापन के लिए अंक विभाजन :- 
प्रारूप -२  (बॉक्स +रंग का प्रयोग +चित्र )
विषय वस्तु -२ (जानकारी)
भाषा -१ 
श्लोगन अवश्य लिखें 

जिस वस्तु का विज्ञापन हो उसका नाम रचनात्मक ढंग से एक से अधिक बार प्रयोग करें। 
लिखावट आकर्षक हो 
श्लोगन नयापन लिए हो 
विज्ञापन वास्तविकता से जुड़ा हो। 
किसी क्रय विक्रय के विज्ञापन में विशेष अवसर ,छूट ,सम्पर्क करें ,प्राप्ति स्थान आदि शब्दों का प्रयोग अवश्य करें। 

कक्षा कार्य 
क्रिकेट का  बल्ला  बनाने वाली कम्पनी के लिए विज्ञापन  बनाइये 
कार्य पूरा होने पर ,कमेंट भाग में सूचित करें। 

गृह कार्य 
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोरोना से बचने के तरीकों का प्रचार करने वाला विज्ञापन बनाइये। 
इन शब्दों का प्रयोग करें : हाथ धोना , नकाब ,सामजिक दूरी , वायरस संक्रमण। 

स्वस्थ्य रहें , सुरक्षित रहें 





Thursday, April 16, 2020

कक्षा -१० अभ्यास

😊सुप्रभात !
आप स्वस्थ व सुरक्षित है  ऎसा विश्वास।
माँ पापा कि घर के काम मदद करें है आप से ये आस।

पिछली कक्षा में साहित्य का अभ्यास और अपठित गद्यांश किया था

आज हम अपठित गद्यांश करेंगे

कक्षा कार्य
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़ कर प्रश्नों के उत्तर दीजिये

" जल और मानव जीवन का सम्बन्ध अत्यंत घनिष्ठ है विश्व की प्रमुख संस्कृतियों का जन्म बड़ी बड़ी नदियों के किनारे ही हुआ है। बचपन से ही हम जल की उपयोगिता ,शीतलता और निर्मलता के कारण  उसकी ओर आकर्षित होते रहे है।  किन्तु नल के नीचे नहाने और जलाशय में डुबकी लगाने में ज़मीन आसमान का अंतर है। हम जलाशयों को देखते ही तैरने के लिए मचल उठते है। तैराकी हमारे मनोविनोद का साधन है। इसके द्वारा हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और मन शांत रहता है। प्राचीनकाल में तैराकी आनंद का साधन ही नही ,एक आवश्यकता भी थी। सड़क के अभाव में मनुष्य तैर कर या नाव की सहायता से अपनी मंजिल तक पहुंचता था। आदिम मनुष्य ने जब मछलियों को तैरते हुए देखा तो उसके मन में भी तैरने की इच्छा जागी। मछलियों की तरह यह उसकी जन्म जात क्षमता नहीं थी पर उसने दिन रात मेहनत की। मनुष्य अपने परिश्रम और लगन द्वारा तैरने में सफल हुआ। तैराकी में उसने इतनी निपुणता प्राप्त की और उसे कला का रूप दे दिया। "

क ) जल और मानव जीवन का सम्बन्ध कैसा है ?सिद्ध कीजिये (२ )
ख )तैराकी के क्या लाभ हैं ?                                                  (२ )
ग )प्राचीन काल में तैराकी को आवश्यकता क्यों माना जाता था ?(२ )
घ )मछली को देखकर मनुष्य के मन क्या  विचार उठे उसका क्या परिणाम हुआ ? (२ )
ड़ )गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए  (१ )
च )विलोम शब्द लिखिए -१ )ज़मीन  २ )मरण

जानने योग्य बात 🤔
हम जल की बात कर रहें तो समझना जरुरी है कि इस पर सबका अधिकार है
एस .डी. जी 6  स्वच्छ पानी व स्वच्छता  ( CLEAN WATER ANDSANITATION) इस बात पर बल देता है
अतः  पानी का दुरूपयोग ना करें

गृह कार्य
नीचे दिए गद्यांश को ध्यान से पढ़ कर  प्रश्नों के उत्तर दीजिए
"हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिब्यक्ति का सरलतम स्त्रोत्र है। राष्ट्रीय ब्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है। संस्कृत और हिंदी देश के दो भाषा रूपी स्तम्भ है जो देश की संस्कृति ,परम्परा और सभ्यता को विश्व के मंच पर बखूबी प्रस्तुत करते हैं। आज विश्व के कोने -कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश का रुख कर रहे हैं। हिंदी भाषा विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। विश्व में पचास से साठ करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं। हिंदी भाषा ऐसा गुलदस्ता है जो अपने भीतर  मधुरता ,सुंदरता , शिष्टता , विशिष्टता के रंग और  सुगंध अपने में समेटे हुए है। हिंदी वर्णमाला में वह सामर्थ्य है कि संसार की किसी भी बोली और भाषा को ज्यों का त्यों लिखित रूप दे सकती है। "

क )हमें हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग क्यों करना चाहिए ?(२ )
ख )किन दो भाषों को देश का स्तम्भ  माना जाता है व क्यों ?(२ )
ग )हिन्दी भाषा की क्या विशेषताएं हैं ?                               (२ )
घ )निम्न शब्दों को अनुस्वार लगाकर पुनः लिखिए (२ )
     सुन्दर ,स्तम्भ ,सुगन्ध ,हिन्दी
ड़ )हिन्दी वर्णमाला की समार्थ्य क्या है ? (१  )
च )आज विश्व के कोने -कोने से विद्यार्थी भारत क्यों आना चाहते हैं ? (१ )

निर्देश 
सभी कार्य व्याकरण में करें
लेख का विशेष ध्यान रखें
घर में रहें सुरक्षित रहें

Thursday, April 9, 2020

कक्षा १०

सुप्रभात!
आशा है आप स्वस्थ होंगे
विश्वास रखिये हर रात का अंत होता है

कबीर व मीरा के पदों के बारे में जानने ,समझने और ध्यान रखने वाली बातें

अभी तक हम भक्ति काल के कवि कबीर और कवयित्री मीराबाई को पढ़ चुके हैं

कबीर की साखियाँ और मीरा के पद लयात्मक (गाये जा सकते )हैं
कबीर व मीरा के पदों में अलंकार का प्रयोग किया है

अलंकार शब्दों का वह चमत्कार है जिस के कारण कविता और सुन्दर हो जाती है
अभी दो अलंकार के बारे में  जानिए (पिछले ब्लॉग में कर चुके हैं )
अनुप्रास अलंकार
एक  तरह के वर्णों की आवृति  (बार -बार आते हैं ) होती है
जैसे -सुखिया सब संसार (स की आवृति हुई है )
मोर मुगुट (म की आवृति हुई है )

पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार
एक तरह के शब्दों की आवृति होती है
जैसे -बार -बार
पढ़ि- पढ़ि

कक्षा कार्य
कबीर की साखियों और मीरा के पद में से अनुप्रास और पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार उदाहरण छाँट कर लिखिए

अपठित गद्यांश
इस गद्यांश को पढ़, प्रश्नों के उत्तर दीजिए
उत्तर अपने शब्दों में लिखने का प्रयास कीजिए
अभी तक की जानकारी के अनुसार कक्षा -९ ,१० में यह १० अंक का आता है
प्रश्न :
१-उपरोक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए
२-विलोम शब्द लिखिए --सज्जन , बुराई
३-दुर्जन व सज्जनकी  ब्यक्ति अपनी किस चरित्रिक विशेषता के कारण भिन्न कहलाते है ?
४-उन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग किसे व क्यों माना गया है ?
५-सबसे बड़ा कायर कौन है ?
६-सज्जन व्यक्ति  की नम्रता का परिचय किस प्रकार मिलता है ?
गृह कार्य
अपना कार्य पूरा करें
अलंकार रेखांकित जानकारी साहित्य में लिखिए

किसी भी तरह असुविधा होने पर सम्पर्क करें

Wednesday, April 8, 2020

कक्षा १०


सुप्रभात , आशा है आप स्वस्थ होंगे
हम जानते हैं कि कबीर भक्ति काल के कवि हैं
वे साक्षर नहीं थे पर साधु संगति के कारण वे ज्ञानी थे
उन्होंने ज्ञान की मशाल से समाज को नयी रोशनी दी

पोथी -----होइ

शब्द - अर्थ
पोथी – पुस्तक
अषिर - अक्षर
पीव - पीड़ा
अर्थ : प्रस्तुत दोहे में कबीर दास जी कहते हैं कोई भी व्यक्ति पुस्तक पढ़ने  से ज्ञानी नहीं होता है। जो व्यक्ति दूसरे की पीड़ा (दर्द) को समझता है वही सच्चा ज्ञानी है

हम घर ---साथि

शब्द - अर्थ
जाल्या - जलना
आपणाँ  - अपना
तास - ताश (पर इस दोहे में इस शब्द का प्रयोग ऐश्वर्य के लिए हुआ है )
मुराड़ा - मशाल

अर्थ : कबीरदास जी कहते हैं कि उन्होने ज्ञान और भक्ति की मशाल थामी हुई है। ज्ञान और भक्ति के प्रकाश के कारण  उनका अज्ञान मोह माया और अहंकार दूर हो चुका है
जो व्यक्ति अपने ऐश्वर्य( सुख सुविधाओं ) को त्यागने के लिए तैयार है वह मेरे साथ जुड़ सकता है

कक्षा कार्य

1-एके अषिर पीव का ,पढ़े सु पंडित होइ -इस पंक्ति का अर्थ बताइये
2- पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुवा पंडित भया ना कोइ - इस पंक्ति का अर्थ बताइये

गृह कार्य
दोनों दोहों का अर्थ हिंदी सहित्य में लिखिए

लिंक में दिए गीत को पूरे परिवार के साथ सुने

अपना और अपने परिवार का ध्यान रखिए।

Tuesday, April 7, 2020

class-10


सुप्रभात आशा है आप स्वस्थ होंगे




कक्षा कार्य :तीनों दोहों का अर्थ लिखिए। 

 गृह कार्य : दोहे याद करें। 

लिंक पर जाकर गीत का आनंद लें। 

अपनी उपस्थिति दर्ज करें। 

 किसी भी तरह की असुविधा होने पर संपर्क करें

Saturday, April 4, 2020

class-10


सुप्रभात
अपने हाथ अवश्य धोएं 
अपनी उपस्थिति दर्ज करे ( mark attendence )

कबीर
इनका जीवन काल १३९८ से १५१८ रहा
ये माना जाता है कि उनका जन्म काशी में हुआ
वे गुरु रामानन्द के शिष्य थे
कबीर के दौर में राजनैतिक ,धार्मिक और सामाजिक क्रान्तियाँ अपने चरम पर थीं
इसकी झलक उनके साहित्य में मिलती है
उनकी कविताओं में सामाजिक चेतना की झलक मिलती है
उन्होंने बाह्याडंबरों (बाहरी दिखावे )पर चोट की
कबीर के दोहे साखी कहलाते हैं क्योंकि उनसे सीख मिलती है
कबीर की भाषा पूर्वी जनपद की भाषा है
उनकी भाषा में अवधी ,राजस्थानी ,पंजाबी और भोजपुरी भाषा के शब्दों का समावेश है
इसलिए उनकी भाषा पंचमेल खिचड़ी कहलाती है
साधु संगति के कारण उनकी भाषा सधुककड़ी कहलाती है
कबीर का जीवन से आप सीख सकते हैं कि ज्ञान पर सबका अधिकार है
आप जीवन के अनुभव से बहुत कुछ सीख सकते हैं

इसकी सहायता से आप कबीर का परिचय समझ सकते है

कक्षा कार्य : 
कबीर की भाषा की विशेषताएं लिखिए
कबीर के दोहों को साखी क्यों कहते है ?
इन आठ साखियों में कबीर ने नीतिपरकता , प्रेम तथा भक्ति जैसी गूढ बातों को बड़ी ही सरलता से स्पष्ट किया है।  
अब हम साखियों की व्याख्या पढेंगे  व समझेंगे। 
ऐसी वाणी ________________________ सुख होइ।।

व्याख्या : प्रस्तुत दोहे में कबीर जी ऐसी वाणी बोलने का आग्रह कर रहे हैं जो मन के अहंकार को दूर करती है , जो अपना तन 
तो शीतल   रखती ही हो , साथ ही दूसरों को भी सुख प्रदान करती हो। तात्पर्य यह  है की हमारे तन को शीतलता प्रदान करे 
तथा सुनने  वाले को भी मानसिक सुख प्रदान करे।  

- "बानी -बोलिये" में अनुप्रास अलंकार है।

कस्तूरी कुंडली ________________________ नाहिं।।
व्याख्या: कबीरदास जी इस दोहे के द्वारा ईश्वर   की महत्ता स्पष्ट करते हुए कहते हैं की कस्तूरी तो हिरन की नाभि में स्थित होती है , परन्तु वह उसे वन में ढूँढ़ता  फिरता है अथार्त  वह अपने अंदर बसी कस्तूरी को नहीं पहचान पाता है यही स्तिथि मनुष्य  की भी है। ईश्वर  तो प्रत्येक ह्रदय में निवास करता है और मनुष्य  उसे इधर-उधर ढूँढता फिरता है अथार्त मनुष्य अपने भीतर ईश्वर को न ढूँढ  कर उसे प्राप्त करने के लिए , स्थान-स्थान पर यानी धार्मिक स्थानों में भटकता रहता है। 

" कस्तूरी-कुंडली", "दुनिया-देखे" - में अनुप्रास अलंकार है।  
"घटि -घटि " में पुनरुक्ति  प्रकाश अलंकार है।  
जब में था ________________ माहि।। 
व्याख्या: कबीरदास जी कहते हैं कि  जब तक मेरे अंदर अहंकार था , तब तक मुझे ईश्वर की प्राप्ति नहीं हुई थी।  अब जबकि मेरे अंदर का अहं मिट चुका  है, तब मुझे ईश्वर की प्राप्ति हो गयी है।  जब मैंने  ज्ञानरूपी दीपक के दर्शन कर लिए, तब अज्ञान रूपी अंधकार मिट गया अर्थार्त अहं भाव को त्याग कर ही मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है।  
 "हरि है", "दीपक देख्या" में अनुप्रास अलंकार है। 
"मै" शब्द अहं भाव के लिए प्रयोग किया गया है। 
कक्षा कार्य 
साहित्य कॉपी में दोहो के साथ उसकी व्याख्या लिखिए। 
गृह कार्य 

कबीर के अनुसार कैसी वाणी बोलनी चाहिए और क्यों ?
कस्तूरी कहाँ बसती  है ?
कबीर  के अनुसार ईश्वर कहाँ निवास करता है ?          
किसी भी तरह की असुविधा होने पर संपर्क करें। 
कार्य पूरा होने पर कबीर के इस गीत का आनंद उठाइये
घर पर रहें और सुरक्षित रहें।