आशा है आप स्वस्थ व सुरक्षित होंगे।
आपको पाठ समझ आ रहा होगा।
अभी तक हमने पढ़ा था बड़े भाई साहब अध्ययनशील थे।
वे उपदेश की कला में निपुण थे
आज हम जानेंगे कि उनकी सहज बुद्धि बहुत तेज थी।
पाठ का लिंक
http://ncertbooks. prashanthellina.com/class_10. Hindi.Sparsh/index.html
आज हम पृष्ठ ( ५६ ,५७ )
"सालाना-------------- पढ़ गए हो ?"
सालाना -वार्षिक ,अव्वल -प्रथम ,अभिमान -घमंड ,आत्मसम्मान -अपनी इज्ज़त ,शरीक -शामिल ,ज़ाहिर -पता चलना ,आतंक -भय ,लज्जास्पद -शर्मनाक
वार्षिक परीक्षा का परिणाम आया। बड़े भाई साहब फेल होगये और छोटा भाई कक्षा में प्रथम आया। दोनों के बीच अब केवल दो कक्षाओं का अन्तर था।
छोटे भाई का मन कर रहा था कि आप दिन -रात पढ़ते रहते थे फिर भी फेल हो गये। मैं तो दिन भर खेलता रहता था फिर भी कक्षा में प्रथम आया। छोटा भाई ऐसा कह कर बड़े भाई साहब को चोट नहीं पहुँचाना चाहता था। उन्हें बड़े भाई से हमदर्दी थी।
छोटे भाई को बड़े भाई का आतंक न रहा। छोटे भाई को अपने ऊपर अभिमान होने लगा। छोटा भाई स्वछंद भाव से खेल में शामिल होता। वह मन ही मन सोचता यदि भाई साहब ने उसको डाँटा तो वह उन्हें पलट कर जवाब देगा कि दिन -रात मेहनत कर आप तो फेल हो गए मैं तो खेल कर भी प्रथम आ गया।
इस तरह के शब्द बोलना तो छोड़ो बोलने का विचार भी शर्मनाक लगा।
बड़े भाई साहब की सहज बुद्धि बहुत तीव्र थी। मेरे रंग -ढंग से पूरी बात समझ गए
एक दिन जब छोटा भाई गुल्ली -डंडा खेल कर घर वापस आया तो बड़े भाई साहब ने उससे कहा कि कक्षा में अच्छे अंक आने के कारण छोटे भाई को अभिमान हो गया है। इतिहास में तुमने रावण के बारे में पढ़ा है। जिसका अहंकार ही विनाश का कारण बना।
"महज -----------दोनों से गया। "
महज -केवल ,अभिप्राय -अर्थ ,अधिपत्य -साम्राज्य (अधिकार ) महीप -राजा ,कुकर्म -बुरा काम
तुम केवल पास होने के लिए मत पढ़ो। तुम जो पढ़ते हो उसे जीवन में उतारो। पढ़ाई बुद्धि के विकास के लिए की जाती है। रावण बहुत विद्वान ,शक्तिशाली था और सभी उसका आदर करते थे लेकिन उसका अहंकार उसके विनाश का कारण बना।
"शैतान-------------- खाली न जाये।"
शैतान और शाहेरूम (राजा का नाम )के बारे में तुम जानते हो जो अपने अहंकार के कारण बरबाद हुए। तुम्हारी सफलता मेहनत के कारण नहीं किस्मत के कारण मिली हैं। खेल में कभी - कभी किस्मत के कारण सफलता मिलती है पर असली खिलाड़ी वह है जिसका कोई निशाना खाली न जाये।
"मेरे फेल----------- बता देता। "
बड़े भाई साहब नें यह भी समझाया कि जैसे -जैसे कक्षा बड़ी होतीं हैं पढ़ाई भी कठिन हो जाती है। उनकी असफलता का कारण रटंत विद्या है। (रटंत विद्या क्या है कल पढ़ेगे )
कक्षा कार्य
निम्नलिखित मुहावरे और अर्थ हिंदी साहित्य में लिखिए (परीक्षा के लिए उपयोगी )
मुहावरे ----------------अर्थ
आड़े हाथों लेना ----खरी -खोटी सुनना
घाव पर नमक छिड़कना ----दुखी को और दुखी करना
हेकड़ी जताना ---- घमंड करना
तलवार खींचना ----डॉट -डपट करना
दिमाग हो जाना ------झूठा अभिमान होना
दिल मजबूत होना ---पक्का इरादा
नाम -निशान मिटा देना ---किसी को पूर्णतः नष्ट कर देना
अंधे के हाथ बटेर लगना ---भाग्य से कुछ पाना
दीन दुनिया से जाना ---किसी काम का न रहना
अँधा चोट निशाना पड़ना ---कोई वस्तु अचानक प्राप्त होना
चुल्लूभर पानी देने वाला न होना ---संकट के समय मददगार न होना
दाँतों पसीना आना ---हालत खराब होना
लोहे के चने चबाना ---बहुत कठिन काम करना
आँधी रोग होना ---भ्रम होना
गृह कार्य
एक दिन गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुंचे तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(इस प्रश्न का उत्तर इसी ब्लॉग में रेखांकित है। )
आपको पाठ समझ आ रहा होगा।
अभी तक हमने पढ़ा था बड़े भाई साहब अध्ययनशील थे।
वे उपदेश की कला में निपुण थे
आज हम जानेंगे कि उनकी सहज बुद्धि बहुत तेज थी।
पाठ का लिंक
http://ncertbooks.
आज हम पृष्ठ ( ५६ ,५७ )
"सालाना-------------- पढ़ गए हो ?"
सालाना -वार्षिक ,अव्वल -प्रथम ,अभिमान -घमंड ,आत्मसम्मान -अपनी इज्ज़त ,शरीक -शामिल ,ज़ाहिर -पता चलना ,आतंक -भय ,लज्जास्पद -शर्मनाक
वार्षिक परीक्षा का परिणाम आया। बड़े भाई साहब फेल होगये और छोटा भाई कक्षा में प्रथम आया। दोनों के बीच अब केवल दो कक्षाओं का अन्तर था।
छोटे भाई का मन कर रहा था कि आप दिन -रात पढ़ते रहते थे फिर भी फेल हो गये। मैं तो दिन भर खेलता रहता था फिर भी कक्षा में प्रथम आया। छोटा भाई ऐसा कह कर बड़े भाई साहब को चोट नहीं पहुँचाना चाहता था। उन्हें बड़े भाई से हमदर्दी थी।
छोटे भाई को बड़े भाई का आतंक न रहा। छोटे भाई को अपने ऊपर अभिमान होने लगा। छोटा भाई स्वछंद भाव से खेल में शामिल होता। वह मन ही मन सोचता यदि भाई साहब ने उसको डाँटा तो वह उन्हें पलट कर जवाब देगा कि दिन -रात मेहनत कर आप तो फेल हो गए मैं तो खेल कर भी प्रथम आ गया।
इस तरह के शब्द बोलना तो छोड़ो बोलने का विचार भी शर्मनाक लगा।
बड़े भाई साहब की सहज बुद्धि बहुत तीव्र थी। मेरे रंग -ढंग से पूरी बात समझ गए
एक दिन जब छोटा भाई गुल्ली -डंडा खेल कर घर वापस आया तो बड़े भाई साहब ने उससे कहा कि कक्षा में अच्छे अंक आने के कारण छोटे भाई को अभिमान हो गया है। इतिहास में तुमने रावण के बारे में पढ़ा है। जिसका अहंकार ही विनाश का कारण बना।
"महज -----------दोनों से गया। "
महज -केवल ,अभिप्राय -अर्थ ,अधिपत्य -साम्राज्य (अधिकार ) महीप -राजा ,कुकर्म -बुरा काम
तुम केवल पास होने के लिए मत पढ़ो। तुम जो पढ़ते हो उसे जीवन में उतारो। पढ़ाई बुद्धि के विकास के लिए की जाती है। रावण बहुत विद्वान ,शक्तिशाली था और सभी उसका आदर करते थे लेकिन उसका अहंकार उसके विनाश का कारण बना।
"शैतान-------------- खाली न जाये।"
शैतान और शाहेरूम (राजा का नाम )के बारे में तुम जानते हो जो अपने अहंकार के कारण बरबाद हुए। तुम्हारी सफलता मेहनत के कारण नहीं किस्मत के कारण मिली हैं। खेल में कभी - कभी किस्मत के कारण सफलता मिलती है पर असली खिलाड़ी वह है जिसका कोई निशाना खाली न जाये।
"मेरे फेल----------- बता देता। "
बड़े भाई साहब नें यह भी समझाया कि जैसे -जैसे कक्षा बड़ी होतीं हैं पढ़ाई भी कठिन हो जाती है। उनकी असफलता का कारण रटंत विद्या है। (रटंत विद्या क्या है कल पढ़ेगे )
कक्षा कार्य
निम्नलिखित मुहावरे और अर्थ हिंदी साहित्य में लिखिए (परीक्षा के लिए उपयोगी )
मुहावरे ----------------अर्थ
आड़े हाथों लेना ----खरी -खोटी सुनना
घाव पर नमक छिड़कना ----दुखी को और दुखी करना
हेकड़ी जताना ---- घमंड करना
तलवार खींचना ----डॉट -डपट करना
दिमाग हो जाना ------झूठा अभिमान होना
दिल मजबूत होना ---पक्का इरादा
नाम -निशान मिटा देना ---किसी को पूर्णतः नष्ट कर देना
अंधे के हाथ बटेर लगना ---भाग्य से कुछ पाना
दीन दुनिया से जाना ---किसी काम का न रहना
अँधा चोट निशाना पड़ना ---कोई वस्तु अचानक प्राप्त होना
चुल्लूभर पानी देने वाला न होना ---संकट के समय मददगार न होना
दाँतों पसीना आना ---हालत खराब होना
लोहे के चने चबाना ---बहुत कठिन काम करना
आँधी रोग होना ---भ्रम होना
गृह कार्य
एक दिन गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुंचे तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(इस प्रश्न का उत्तर इसी ब्लॉग में रेखांकित है। )