नमस्कार !
आज हम "संचयन" से पाठ "टोपी शुक्ला" करेंगे।
टोपी शुक्ला कहानी राही मासूम रज़ा द्वारा लिखे उपन्यास का एक अंश है।
पाठ परिचय
यह कहानी मुख्य पात्र टोपी के इर्द-गिर्द घूमती है।
टोपी भृगु नारायण शुक्ला का पुत्र है, जिसका पूरा नाम बलभद्र नारायण मिश्र है।
इस कहानी का दूसरा मुख्य पात्र है - इफ़्फ़न , वह टोपी का गहरा मित्र था ,
वे एक-दूसरे के बिना अधूरे थे।
यह कहानी बच्चों व एक बूढी दादी के बीच स्नेह को दर्शाती है।
टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब के थे पर एक अटूट रिश्ते से बंधे थे।
टोपी शुक्ला कहानी यह बताती है की बच्चों को धर्म-जाति , संस्कारों ,
रिवाज़ों की अपेक्षा अपनेपन की चाह होती है। जहाँ और जिससे प्रेम मिलता है ,
बच्चे उन्ही को अपना मान लेते हैं।
टोपी भृगु नारायण शुक्ला का पुत्र है, जिसका पूरा नाम बलभद्र नारायण मिश्र है।
इस कहानी का दूसरा मुख्य पात्र है - इफ़्फ़न , वह टोपी का गहरा मित्र था ,
वे एक-दूसरे के बिना अधूरे थे।
यह कहानी बच्चों व एक बूढी दादी के बीच स्नेह को दर्शाती है।
टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब के थे पर एक अटूट रिश्ते से बंधे थे।
टोपी शुक्ला कहानी यह बताती है की बच्चों को धर्म-जाति , संस्कारों ,
रिवाज़ों की अपेक्षा अपनेपन की चाह होती है। जहाँ और जिससे प्रेम मिलता है ,
बच्चे उन्ही को अपना मान लेते हैं।
पाठ के बारे में
पृष्ठ संख्या 32 - 34 तक।
यह कहानी इस लिंक से पढ़िए :
http://ncertbooks. prashanthellina.com/class_10. Hindi.SanchayanBhag2/ch-3.pdf
http://ncertbooks.
कहानी के आरंभ में लेखक इफ़्फ़न के विषय में भी बताते हैं क्यों कि
पूरी कहानी में इफ़्फ़न का ज़िक्र बार-बार आता है।
इन दोनों को दो तरह की घरेलु परम्पराएँ मिली।
इफ़्फ़न के दादा और परदादा बहुत प्रसिद्ध मौलवी थे।
इफ़्फ़न की दादी पूरब की रहने वाली थीं। शादी के बाद लखनऊ आई ,
इन दोनों को दो तरह की घरेलु परम्पराएँ मिली।
इफ़्फ़न के दादा और परदादा बहुत प्रसिद्ध मौलवी थे।
इफ़्फ़न की दादी पूरब की रहने वाली थीं। शादी के बाद लखनऊ आई ,
परंतु ज़िंदगी भर पूरबी भाषा बोलती रही , उर्दू नहीं बोली।
दादी ने इफ़्फ़न की छठी पर जी भरकर जश्न मनाया।
दादी ने इफ़्फ़न की छठी पर जी भरकर जश्न मनाया।
इससे पहले उनके घर गाना-बजाना नहीं हुआ था।
इफ़्फ़न की दादी एक जमींदार की बेटी थीं , वहां दूध-घी दही की कमी नहीं थी।
इफ़्फ़न की दादी एक जमींदार की बेटी थीं , वहां दूध-घी दही की कमी नहीं थी।
परन्तु लखनऊ जैसे बड़े शहर में आकर घी-दूध के लिए तरस गई।
दादी का मन हमेशा अपने घर की हवेली पर ही लगा रहा। लखनऊ
दादी का मन हमेशा अपने घर की हवेली पर ही लगा रहा। लखनऊ
अथार्त - ससुराल में उनकी आत्मा सदा बेचैन रही।
दादी को लखनऊ में मौलविन की ज़िम्मेदारियाँ निभानी पड़ती थी।
दादी का घर "कस्टोडियन"को चला गया , उन्हें उस घर की बहुत सी चीज़ें याद आने लगी।
एक दिन स्कूल में इफ़्फ़न को खबर आई की दादी नहीं रही।
इफ़्फ़न को अपने घर में सबसे ज़्यादा अपनी दादी से प्रेम था।
दादी को लखनऊ में मौलविन की ज़िम्मेदारियाँ निभानी पड़ती थी।
दादी का घर "कस्टोडियन"को चला गया , उन्हें उस घर की बहुत सी चीज़ें याद आने लगी।
एक दिन स्कूल में इफ़्फ़न को खबर आई की दादी नहीं रही।
इफ़्फ़न को अपने घर में सबसे ज़्यादा अपनी दादी से प्रेम था।
वह उसे तरह-तरह की रोचक ढंग से कहानियाँ सुनाया करती थीं।
कक्षा कार्य
- टोपी की पहली दोस्ती किससे हुई ?
- इफ़्फ़न की छठी उसकी दादी के लिए यादगार क्यों बनगई ?
- इफ़्फ़न की दादी को कौनसी भाषा पसंद थी ?
आज पढ़ाये गए पृष्ठ को ध्यान से पढ़े।
Good morning Ma'am
ReplyDeleteAdavya Dhir
Good morning Ma'am
ReplyDeleteShaurya Shil
Good morning ma'am
ReplyDeleteGood morning ma'am
ReplyDeleteSiddharth kushwaha
Good morning ma'am
ReplyDeleteEugene Samuel
present
ReplyDeleteGOOD morning mam
ReplyDeleteGood Morning Ma'am
ReplyDelete-Pratham Chhabra X-D
Good morning ma'am
ReplyDeleteGood morning ma'am
ReplyDeleteGood morning ma'am
ReplyDeleteEmmanuel gomes
Good morning ma'am
ReplyDeletejoel reji
Good morning ma'am
ReplyDeleteHarsh Vardhan
Good morning ma'am
ReplyDeleteGarvit
Good morning ma’am
ReplyDeleteAryan Anand
Good morning ma'am
ReplyDelete-Geet, X-A
Ma'am "Kathakaar" is a narrator, right?
ReplyDeleteGood morning ma'am
ReplyDeleteBennett Joy
Goid morning ma'am
ReplyDeleteGood morning ma'am
ReplyDeleteAnshumaan
Samarth Alexander
ReplyDelete10-A
Good morning ma'am
ReplyDeleteKennard Rence William
good morning ma'am
ReplyDeletehemang
10A
Good morning ma'am
ReplyDeleteShivansh Bahri
X-A
Good morning mam.
ReplyDeleteNihar Naidu 10 A
Good morning ma'am
ReplyDeleteDhruv Mishra
10 A
Good morning mam
ReplyDeleteJeremiah Paul XA. Mam i have completed the classwork as well as homework.👍🏻👍🏻
Good Morning Mam
ReplyDeleteMadhav Sharma
10-A
good mornng ma'am
ReplyDeleteKairav Mathur
10 A
Good Morning Ma'am
ReplyDeletePrathamesh Bhatta
X - A
Good morning mam
ReplyDeleteAlbin Paulose
X-A
Good morning maam
ReplyDeleteAnuj Xavier
X-A
Good morning ma'am
ReplyDeleteRishit Shrivastwa
XA
Good Morning Ma'am
ReplyDeleteShaun Ramsay X-A
good morning mam
ReplyDeletesidh chichra
Good morning ma'am
ReplyDeleteRyan Stephen 10-A
Dhruv Toppo 10 -A
ReplyDeleteGood morning ma'am Arvind Goyal
ReplyDeleteGood Morning ma'am
ReplyDeleteMadhav Sachdeva
X A
Good morning mam
ReplyDeletePeter Biju
Class 10 A
Good morning ma'am maulik jain XA
ReplyDeleteFilip D Hmar
ReplyDelete10 A
Aayush kumar 10 A
ReplyDeleteGood Morning Mam Ishaan sharma 10-A
ReplyDeleteGood morning ma'am
ReplyDeleteABHAY GOEL X-A
Good morning ma'am
ReplyDeleteAditya Narayan
10 A
इस सवाल का जवाब क्या है, इफ़्फ़न की छठी उसकी दादी के लिए यादगार क्यों बनगई ?
ReplyDelete10-D
ReplyDeleteGood Morning Ma'am
ReplyDeleteSidharth Jain
10 A
Good morning ma'am
ReplyDeleteTuan Muan Lal
Good morning ma'am
ReplyDeleteDhruv Vij
10A
Good morning maam
ReplyDeleteRahul x-a
Good morning ma'am
ReplyDeleteAyaan Edward
Good Morning Mam
ReplyDeleteTanmay Sopra 10A
Good morning Ma'am
ReplyDeleteSarim Hasan
Good morning ma'am
ReplyDeleteNikhil Singh
10 A
good morning ma'am
ReplyDeleterudraksh
Good morning mam,
ReplyDeleteHimanshu singh
X-A
Good morning maam
ReplyDeleteBrian Peter Massey
10-A
Good morning ma'am Anurag Joshi
ReplyDeleteGood morning Ma'am
ReplyDeleteRiyansh Gautam
XD
Good morning Ma'am
ReplyDeleteRiyansh Gautam
XD
Good morning ma'am Ng.Samuel
ReplyDeleteGood Morning Mam
ReplyDeleteAnmol Singh
Good morning ma'am
ReplyDeleteGood afternoon ma’am
ReplyDeleteKshitij jain
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ReplyDeleteGood Afternoon Ma'am
ReplyDeleteTalha Ansari
Good afternoon mam
ReplyDeleteJapmann singh
Good afternoon mam,
ReplyDeleteShaurya Narang